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Saturday, August 11, 2018

रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 1

*रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 1*
श्रीमान पुलिस अधीक्षक रतलाम की पहल पर यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु वॉट्सअप (7049127318) पर सुझाव चाहे गये हैं। इसी संदर्भ में ...

उल्लेखनीय है कि रतलाम शहर, रेल्वे लाईन के कारण दो हिस्सों में बंट गया है। पुराना रतलाम व पटरी पार का नया रतलाम। प्रतिदिन आवागमन हेतु, सैंकडो नागरिकों की सु​विधा के लिये इन दोनों क्षेत्रों को जोडने वाले मार्ग वर्तमान में इस प्रकार हैं डाट की पुल रोड़, सैलाना रोड़ ओवरब्रिज, हाट की चौकी वाली रोड़ व बाजना बस स्टेंड वाली पुलिया।
इसमें बाजना बस स्टेंड, हाट की चौकी व डाट की पुल तीनों स्थान पर नया रोड़ बनना प्रस्तावित है। ऐसे में इस संपूर्ण क्षेत्र के यातायात का लोड केवल सैलाना ओवर ब्रिज पर आना निश्चित है। *इसलिये हमें पहले से नये वेकल्पिक मार्ग बना लेना चाहिये*। जिससे इन मार्गों पर होने वाले निर्माणकार्य के चलते शहरवासियों को होने वाली भावी परेशानियों से बचाया जा सके।
सर्वप्रथम हमें रतलाम के यातायात को दो श्रेणियों में रखना होगा। 
*पहली श्रेणी में फोर व्हिलर/थ्री व्हिलर वाहनों हेतु* व

*दूसरी श्रेणी में टू व्हिलर वाले वाहन चालकों हेतु*।

बडे फोर व्हिलर/थ्री व्हिलर वाहनों हेतु हमारे पास सैलाना ओवरब्रिज है। लेकिन दूसरी श्रेणी के टू व्हिलर वाहनों हेतु हमें छोटी—छोटी गलियों वाले वै​कल्पिक मार्ग बनाने चाहिये जिससे इनका लोड़ मुख्य मार्गों पर न आकर छोटे वाहन चालकों को भी सुविधा होगी।

इसके लिये *गोमदडे ​की पुलिया का उपयोग करते हुए डाट की पुल जैसा अंडरब्रिज बनाने* पर पहले ध्यान देना चाहिये। जिससे एक सीधा रास्ता जवाहर नगर समेत बहुत बडे क्षेत्र के नागरिकों को सीधे पॉवरहॉउस रोड़ पर केनेरा बैंक के सामने निकास दिया जा सकता है। यह सिर्फ टू व्हिलर के लिये ही हो।

दूसरा *काटजू नगर—कस्तुरबा नगर के मध्य एक छोटा ब्रिज* बनाकर भी यातायात के लोड़ को कम किया जा सकता है। यह भी सिर्फ टू व्हिलर को ध्यान में रखकर ही बनाया जाये। फोर व्हिलर या बडे वाहन आवश्यक रूप से सिर्फ सैलाना ओवरब्रिज से ही आने जाने की सुविधा होना चाहिये।

जब बाजना बस स्टेंड वाला फोरलेन, हाट की चौकी वाला ओवरब्रिज व डाट की पुल से दो बत्ती वाला रोड़ बन जायेगा तब तक इन वैकल्पिक मार्गों से नागरिकों को बहुत आसानी होगी। हमें इस तथ्य को भी ध्यान रखना होगा की प्रमुख मार्गों पर बनने वाले *ये सभी निर्माण कार्य कम से कम पांच वर्षों पश्चात ही पूर्ण हो सकेंगे*।
संलग्न — सेटेलाईट चित्र अवलोकनार्थ


अनिल पेंडसे,रतलाम 9425103895
Anil.Pendse.Rtm@gmail.com

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