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Monday, December 10, 2018

सैलाना रोड़ के चेतक ब्रिज पर डिवायडर लगाना प्रशंसनीय प्रयास


रतलाम शहर की यातायात व्यवस्था में लगातार सुधार कार्य देखने को मिल रहा है। इसी संदर्भ में सैलाना बस स्टेंड चौराहे से चेतक ब्रिज के दूसरे छोर तक डिवायडर लगाये गये हैं इससे यातायात एकदम व्यवस्थित हो गया है। राम मंदिर वाले छोर से सैलाना बस स्टेंड वाले छोर की ओर आने वाले वाहनों की गति उतरते समय स्वाभाविक रूप से अधिक रहती है ऐसे में काटजू नगर से बाहर जाने वाले नागरिकों को अखण्ड ज्ञान आश्रम वाली साईड से निकलना चाहिये व काटजू नगर में प्रवेश के इच्छुक नागरिकों को सज्जन किराना वाली साईड़ से आना होगा। यह यातायात के नियमों के अनुकूल भी है।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार के लोहे के डिवायडर केवल प्रयोगात्मक आधार हेतु ही उपयोग में लिये जाते हैं जिससे कुछ दिनों तक नागरिकों को होने वाली सुविधा/असुविधा को प्रत्यक्ष रूप से समझा जा सके। इस प्रयोग के सकारात्मक परिणामों के पश्चात इसे स्थायी डिवायडर में भी परिवर्तित किया जा सकेगा। जिससे ओव्हरब्रिज पर होने वाली यातायात दुर्घटनाओं पर निश्चित ही अंकुश लगाया जा सकेगा। इसी संदर्भ में काटजू नगर के नागरिकों को सैलाना बस स्टेंड से सीधे जोडने के लिये पूर्व में दिये गये सुझावों पर भी ध्यान देना होगा।

Sunday, September 2, 2018

रतलाम — नई यातायात व्यवस्था के विरोध में व्यापारियों व स्कूल प्रबंधन के कमजोर तर्क(02/09/2018)

रतलाम — नई यातायात व्यवस्था के विरोध में व्यापारियों व स्कूल प्रबंधन के कमजोर तर्क(02/09/2018)

रतलाम शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रयास चल रहे हैं इन्हीं नये प्रयासों में सैलाना बस स्टेंड से लोकेन्द्र सिनेमा व शहर सराय से गायत्री सिनेमा रोड़ को वन वे बनाने का विरोध आज के समाचार पत्रों में दिखाई दे रहा है। इसमें बताया गया है कि व्यापार सिर्फ 10 प्रतिशत ही रह गया है।  वन वे होने से व्यापार इतना कम हो जाना गले नहीं उतरता। व्यवसाय करने के साथ—साथ, शहर की नई यातायात व्यवस्थाओं में सहयोग देना भी व्यापारिओं/नागरिकों का कर्तव्य है। हमेशा देखने में आता है कि अव्यवस्थाओं का दोष पूर्णत: प्रशासन को दिया जाता है। अब जब प्रशासन यातायात व्यवस्था सुधारने के लिये ​कुछ नई व्यवस्थाएं लागू कर रहा है तो इस प्रकार का अतार्किक विरोध रतलाम को पुन: वहीं ले जायेगा जहां हम सालों पहले थे।

इसी प्रकार से यातायात व्यवस्था में सहयोग के स्थान पर स्कूलों के द्वारा हाथ झटक कला का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। अगर आपके परिसर में हजारों बच्चे आ रहे हैं तो उनकी व्यवस्था स्कूल परिसर के अंदर व बाहर करना भी स्कूल प्रबंधन का ही दायित्व है। इस प्रकार का लचर तर्क नहीं चल सकता कि ''आॅटो बच्चों के परिजन निजी रूप से करके भेजते हैं इसमें स्कूल वालों का कोई लेना देना नहीं है''
ऐसे तो मैरिज गार्डन वाले, शॉपिंग मॉल वाले, अन्य व्यापारी सभी अपने हाथ झटक लेंगे कि ''ग्राहक तो निजी वाहन से आये हैं। हम क्या करें?'' ऐसा असहयोगात्मक व्यवहार स्वीकार्य नहीं होना चाहिये। विशेषकर शहर के आंतरिक हिस्सों में चल रहे स्कूलों को आने वाले वाहनों जैसे आॅटो को तो परिसर के अंदर स्थान देना ही होगा। प्रशासन को पूर्ण सख्ती से इस प्रकार के रवैय्ये से निपटना चाहिये।
गुजराती समाज स्कूल के प्रबंधन की प्रशंसा की जानी चाहिये कि उन्होंने संबंधित वाहनों को अपने परिसर में व्यस्थित पार्किंग देकर बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए एक आदर्श प्रस्तुत किया है।

 









अनिल पेंडसे,रतलाम 9425103895
Anil.Pendse.Rtm@gmail.com

Sunday, August 19, 2018

रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 3

रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 3
श्रीमान पुलिस अधीक्षक रतलाम की पहल पर यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु वॉट्सअप (7049127318) पर सुझाव चाहे गये हैं। इसी संदर्भ में ...

शहर के मध्य में स्थित St. Joseph's convent school की छुट्टी के समय पर विशेष यातायात व्यवस्था हेतु सुझाव।

स्कूल के आसपास के यातायात को समझने के दृष्टिकोण से देखें, तो प्रात:काल में व्यवस्था संबंधी ​कोई बडी परेशानी नहीं है। क्योंकि स्कूल के अतिरिक्त इस क्षेत्र की सारी दुकानें,कार्यालय जैसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया,कोर्ट आदि सभी प्रात: 10 बजे के पश्चात ही शुरू होते हैं। इसलिये सुबह के समय केवल विद्या​र्थी आते हैं। उन्हें छोडने के लिये आने वाले ऑटो या अन्य वाहन भी छोडकर तुरंत चले जाते हैं। जिससे एक साथ भीड़ नहीं दिखती है।
लेकिन स्कूल की छुट्टी के समय लगभग 4 हजार विद्यार्थी, कई ऑटो, निजी चारपहिया वाहन व बडी संख्या में सायकल से जाने वाले बच्चे, इसके अलावा बैंक,कोर्ट व अन्य यात्री मिलाकर एक बहुत अस्तव्यस्त यातायात का दृश्य प्रतिदिन देखने को मिलता है। इस संपूर्ण क्षेत्र में समय विशेष के लिये अचानक भीड़भाड़ बढ़ जाती है।
हमें यह भी ज्ञात है कि वर्तमान में कान्वेंट स्कूल के पास फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है। साथ ही कान्वेंट तिराहे से सैलाना बस स्टेंड तक फोरलेन भी प्रस्तावित है। रतलाम में कोई भी बडा कार्य पंचवर्षीय अवधी के बाद ही पूर्ण होता है। ऐसे में विशेष रूप से कान्वेंट स्कूल की छुट्टी के समय यातायात को व्यवस्थित करने हेतु निम्न सुझाव आपके समक्ष रखना चाहता हूँ। 

1— विद्यार्थी सामान्य रूप से ऑटो,सायकल,पालकों के साथ वाहनों से या पैदल स्कूल आते हैं।
2— बच्चों को लेने आये सारे ऑटो बाहर न खडे रहें, आवश्यक रूप से स्कूल केंपस के अंदर 10 मिनिट पहले से लाईन में खडे रखे जायें
3— सबसे पहले निजी चारपहिया/दोपहिया वाहनों से ड्राइवरों/पालकों के साथ जाने वाले बच्चों को छोडा जाये। जिससे स्कूल केंपस के बाहर की सड़क पहले खाली हो सके।
4— स्कूल से बाजार की ओर जाने वाले ऑटो Main gate से व सैलाना ओवरब्रिज,रेल्वेकॉलोनी हेतु LKG section gate से बाहर निकले।
5— सायकल से आने वाले बच्चों को 3—5 मिनिट के अंतर से छोडा जाये।
6— स्कूल के अत्यंत पास की कॉलोनियों व पैदल आने वाले बच्चों को सबसे अंत में छोडा जाये।
इस नई व्यवस्था को स्कूल प्रशासन की मदद से लागू किया जाकर एक साथ निकलने वाली भीड़ को बहुत आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। अन्य सुझावों को पढ़ने के लिये Label पर क्लिक करें



अनिल पेंडसे,रतलाम 9425103895
Anil.Pendse.Rtm@gmail.com

Tuesday, August 14, 2018

रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 2

*रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 2*
श्रीमान पुलिस अधीक्षक रतलाम की पहल पर यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु वॉट्सअप (7049127318) पर सुझाव चाहे गये हैं। इसी संदर्भ में ...

*शहर में बनने वाले फोरलेन पर सायकल ट्रैक व सायकल शेअरिंग स्टेशन का प्रावधान रखा जाये*।
पिछले दिनों हमारे शहर के पुलिस अधीक्षक महोदय को सायकल चलाते हुए देखकर प्रसन्नता हुई साथ में यह विचार भी आया कि हमारे शहर के हजारों बच्चे सायकल से स्कूल इसलिये नहीं जाते क्योंकि सड़क पर सायकल ट्रैक का प्रावधान ही नहीं है।
उल्लेखनीय है कि रतलाम शहर में कानवेंट स्कूल तिराहे से सैलाना बस स्टेंड तक नया फोरलेन बनने वाला है, साथ ही कई नई सड़कों का निर्माण निकट भविष्य में प्रस्तावित है। इनके बन जाने से राममंदिर से महू रोड़ बसस्टेंड तक फोरलेन हो जायेगा। ऐसे में शहर के मध्य से जाने वाले इस फोरलेन पर सायकल ट्रैक बनाकर स्कूल आने जाने वाले बच्चों को विशेष सुविधा देना चाहिये। जिससे पालक, अव्यवस्थित व असुरक्षित यातायात के भय से मुक्त होंगे व अपने बच्चों को सायकल से स्कूल भेजेंगे। यह पर्यावरण के लिये उपयुक्त होकर बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य में भी सहायक होगा।
साथ ही इस शहर के नागरिकों को सायकल शेअरिंग स्टेशन के प्रावधान से पर्यावरण की रक्षा के लिये प्रेरित भी किया जा सकेगा। यह व्यवस्था शहर की स्मार्ट सिटी रेंकिंग को सुधारने में भी सहायक होगी।

अधिक जानकारी के लिये google या youtube पर cycle sharing को सर्च कर जरूर देखें।
https://www.youtube.com/watch?v=Fm6LRfE1hCs
संलग्न — चित्र अवलोकनार्थ



अनिल पेंडसे,रतलाम 9425103895
Anil.Pendse.Rtm@gmail.com

Saturday, August 11, 2018

रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 1

*रतलाम की यातायात व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव क्रमांक — 1*
श्रीमान पुलिस अधीक्षक रतलाम की पहल पर यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु वॉट्सअप (7049127318) पर सुझाव चाहे गये हैं। इसी संदर्भ में ...

उल्लेखनीय है कि रतलाम शहर, रेल्वे लाईन के कारण दो हिस्सों में बंट गया है। पुराना रतलाम व पटरी पार का नया रतलाम। प्रतिदिन आवागमन हेतु, सैंकडो नागरिकों की सु​विधा के लिये इन दोनों क्षेत्रों को जोडने वाले मार्ग वर्तमान में इस प्रकार हैं डाट की पुल रोड़, सैलाना रोड़ ओवरब्रिज, हाट की चौकी वाली रोड़ व बाजना बस स्टेंड वाली पुलिया।
इसमें बाजना बस स्टेंड, हाट की चौकी व डाट की पुल तीनों स्थान पर नया रोड़ बनना प्रस्तावित है। ऐसे में इस संपूर्ण क्षेत्र के यातायात का लोड केवल सैलाना ओवर ब्रिज पर आना निश्चित है। *इसलिये हमें पहले से नये वेकल्पिक मार्ग बना लेना चाहिये*। जिससे इन मार्गों पर होने वाले निर्माणकार्य के चलते शहरवासियों को होने वाली भावी परेशानियों से बचाया जा सके।
सर्वप्रथम हमें रतलाम के यातायात को दो श्रेणियों में रखना होगा। 
*पहली श्रेणी में फोर व्हिलर/थ्री व्हिलर वाहनों हेतु* व

*दूसरी श्रेणी में टू व्हिलर वाले वाहन चालकों हेतु*।

बडे फोर व्हिलर/थ्री व्हिलर वाहनों हेतु हमारे पास सैलाना ओवरब्रिज है। लेकिन दूसरी श्रेणी के टू व्हिलर वाहनों हेतु हमें छोटी—छोटी गलियों वाले वै​कल्पिक मार्ग बनाने चाहिये जिससे इनका लोड़ मुख्य मार्गों पर न आकर छोटे वाहन चालकों को भी सुविधा होगी।

इसके लिये *गोमदडे ​की पुलिया का उपयोग करते हुए डाट की पुल जैसा अंडरब्रिज बनाने* पर पहले ध्यान देना चाहिये। जिससे एक सीधा रास्ता जवाहर नगर समेत बहुत बडे क्षेत्र के नागरिकों को सीधे पॉवरहॉउस रोड़ पर केनेरा बैंक के सामने निकास दिया जा सकता है। यह सिर्फ टू व्हिलर के लिये ही हो।

दूसरा *काटजू नगर—कस्तुरबा नगर के मध्य एक छोटा ब्रिज* बनाकर भी यातायात के लोड़ को कम किया जा सकता है। यह भी सिर्फ टू व्हिलर को ध्यान में रखकर ही बनाया जाये। फोर व्हिलर या बडे वाहन आवश्यक रूप से सिर्फ सैलाना ओवरब्रिज से ही आने जाने की सुविधा होना चाहिये।

जब बाजना बस स्टेंड वाला फोरलेन, हाट की चौकी वाला ओवरब्रिज व डाट की पुल से दो बत्ती वाला रोड़ बन जायेगा तब तक इन वैकल्पिक मार्गों से नागरिकों को बहुत आसानी होगी। हमें इस तथ्य को भी ध्यान रखना होगा की प्रमुख मार्गों पर बनने वाले *ये सभी निर्माण कार्य कम से कम पांच वर्षों पश्चात ही पूर्ण हो सकेंगे*।
संलग्न — सेटेलाईट चित्र अवलोकनार्थ


अनिल पेंडसे,रतलाम 9425103895
Anil.Pendse.Rtm@gmail.com

Monday, August 6, 2018

रतलाम, रेल्वे कॉलोनी में सब्जीमंडी हेतु जगह आरक्षित करने हेतु सुझाव

प्रति,
श्रीमान डीआरएम महोदय,
पश्चिम रेल्वे, रतलाम
दिनांक 06/08/2018

विषय:— रेल्वे कॉलोनी में सब्जीमंडी हेतु जगह आरक्षित करने हेतु सुझाव।

आदरणीय श्रीमान,
रेल्वे विभाग ने अपने कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों के हितों को ध्यान में रखकर, एक अत्यंत शानदार व्यवस्था वाली रेल्वे कॉलोनी का निर्माण किया है। जिसमें चौडी सड़कें,खेल मैदान,हॉस्पिटल,विद्युत प्रदाय,जलप्रदाय,साफ—सफाई की व्यवस्था,स्कूल,जिम,सांस्कृतिक आयोजन हेतु स्थान व अन्य कई सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं।
लेकिन यहॉं रहने वाले कर्मचारियों को सब्जी खरीदने जैसी दैनिक आवश्यकता हेतु शहर के अन्य हिस्सों पर निर्भर रहना होता है। साथ ही इसके कारण डाट की पुल क्षेत्र जो कि संपूर्ण रेल्वेकॉलोनी व इससे जुडी अन्य कॉलोनियों का मुख्य प्रवेशद्वार है। ​जहां अवैध सब्जीमंडी होना भीड़भाड़ का कारण बनता है। इससे रेल्वे कॉलोनी का अंदरूनी मुख्य मार्ग भी कई बार बाधित व गंदा रहता है। इसके पहले भी कई बार अतिक्रमण हटाने के असफल प्रयास हो चुके हैं लेकिन कुछ ही दिनों के बाद फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

इसे ध्यान में रखते हुए मेरा सुझाव है कि रेल्वे कॉलोनी में ही डाट की पुल क्षेत्र से अंदर रेल्वे कॉलोनी वाले हिस्से में पटरियों के पास या इंडियन आॅयल के पुराने डिपो के पास व्यवस्थित टीनशेड वाली दुकानों का निर्माण किया जाता है तो इससे रेल्वे को आय होने के साथ साथ डाट की पुल पर यातायात नियंत्रण में भी बहुत बडा योगदान होगा।
उल्लेखनीय है कि डीआरएम कार्यालय जो कि रतलाम की शान होकर, उसके सामने बाहर लगे ट्रांसफॉर्मर को हटाने के बाद से इस कार्यालय की सुंदरता देखने लायक हो गई है। साथ ही दोबत्ती से लगाकर डाट की पुल तक के क्षेत्र में नई चौडी सड़क का निर्माण भी प्रस्तावित है, ऐसे में कर्मचारियों के हित को देखते हुए रेल्वे कॉलोनी के अंदर किसी भी उचित स्थल पर व्य​वस्थित शेड निर्माण कर इस समस्या का स्थायी समाधान आपके कार्यकाल में किया जाना हमेशा के लिये याद रखा जायेगा।

अनिल पेंडसे 9425103895
Anil.Pendse.Rtm@gmail.com
प्र​तिलिपि — शहर विकास से संबंधित सभी प्रमुख संस्थान,अधिकारी,नेतृत्व,समाजसेवी व समाचार पत्र

Wednesday, July 25, 2018

रतलाम रेल्वे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकिट लेने पर वाहन पार्किंग नि:शुल्क हो

श्रीमान डीआरएम महोदय,
रतलाम
22/07/2018
पार्किंग शुल्क के संदर्भ में

आदरणीय श्रीमान,
रतलाम रेल्वे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकिट लेने पर निजी दोपहिया वाहन पार्किंग नि:शुल्क उपलब्ध होना चाहिये।

आज रेल्वे स्टेशन पर अपने बेटे को छोडने के लिये गया था तब दोपहिया वाहन की पार्किंग के लिये ₹10 का शुल्क भुगतान किया, फिर प्लेटफॉर्म पर जाने के पहले प्लेटफॉर्म टिकिट का शुल्क  ₹10 का भी भुगतान किया। मुझे लगता है कि जिस यात्री के पास प्लेटफार्म टिकिट है उसे पार्किंग नि:शुल्क उपलब्ध होना चाहिये जो कि उसका अधिकार है।
कृपया उचित कार्यवाही अपेक्षित
धन्यवाद

अनिल पेेंडसे 9425103895
रतलाम

Sunday, July 22, 2018

रतलाम — शवयात्रा का बाजार से निकलना।

रतलाम — शवयात्रा का बाजार से निकलना।
आज मैं एक शवयात्रा में गया था। जो कि आबकारी चौराहा होते हुए त्रिवेणी मुक्तिधाम की ओर जा रही थी। मार्ग में एक बडी शोभायात्रा चल रही थी इसलिये शववाहन को चांदनीचौक के स्थान पर बजाजखाना होते हुए चौमुखीपुल, रामगढ़ व अन्य तंग गलियों से होते हुए त्रिवेणी तक ले जाया गया।
मेरा विचार यह है कि जब भी कोई शोभायात्रा या अन्य सार्वजनिक आयोजन सड़कों पर किये जाते हैं ऐसे समय सड़क का आधा हिस्सा अनिवार्य रूप से अन्य आने जाने वाले लोगों, एंबुलेंस, शववाहन आदि के लिये छोडा जाये। यह तभी संभव है जब इस प्रकार के सार्वजनिक आयोजन समिति के सदस्य इस बात का ध्यान रखें, साथ ही मार्ग अतिक्रमण मुक्त भी हों।
इस बार यातायात सुधार से संबंधित नई मुहिम शुरू हो रही है तो इसका पहला कार्य अतिक्रमण मुक्त बाजार हो। जिससे यातायात से संबंधित 90% समस्याएं समाप्त हो जायेंगी।