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Thursday, August 29, 2019

फिट इंडिया अभियान:फोरलेन पर सायकल ट्रैक आवश्यक

फिट इंडिया अभियान का शुभारंभ कर आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने स्वास्थ्य से जुडे कई तथ्यों पर देश का ध्यानाकर्षण किया है। जिसमें जीवन शैली में बहुत साधारण परिवर्तन कर हम अपने आप को स्वस्थ बना सकते हैं इसी संदर्भ में अपने रतलाम को लेकर एक विचार आप सभी मित्रों के सामने रखना चाहता हूंं कि हमारे शहर के विद्यार्थी केवल अपने रहवासी क्षेत्र में कभी कभी सायकल चलाते दिख जाते हैं। लेकिन उन्हें सायकल से स्कूल कॉलेज जाते नहीं देख पाते हैं। रतलाम एक छोटा शहर है जिसमें विकास की बहुत सारी संभावनाएं अपेक्षित हैं। केवल पांच किलोमीटर की परिधी में बसे इस छोटे से शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक जाने हेतु आसानी से सायकल का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन हमारे शहर की सड़कों पर सायकल ट्रैक का न होना हमारी संकीर्ण सोच प्रदर्शित करता है। इसी कारण हम सायकल चलाने को लेकर बच्चों को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं। सैलाना बस स्टेंड से लेकर कान्वेंट स्कूल तिराहे तक बनने वाले फोरलेन पर आवश्यक रूप से सायकल ट्रैक होना चाहिये । आसपास की जमीनों को अधिग्रहित भी करना पडा तो भी यह राष्ट्र निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिये आवश्यक है।
लगभग प्रतिदिन स्कूली वाहनों में ठूंस कर भरे गये बच्चों के समाचार पत्रों में प्रकाशित फोटो या साक्षात दर्शन भी हमें सामान्य लगने लगे हैं। क्या सभी पालकों की इसके लिये अपने शहर के नेतृत्व से अपेक्षा रखना गलत है? लगभग हम सभी सायकल को प्राथमिकता देना चाहते हैं लेकिन अव्यवस्थित व अनियंत्रित यातायात हमारी सोच में बहुत बडी बाधा बन जाता है। इसलिये हम सायकल चलाने को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं, हम सायकल चलाने से बच रहे हैं। सायकल ट्रैक का प्रावधान न होना इसका मूल कारण है। आप सभी इस पर विचार करें, पालक संघ या अन्य सामाजिक संस्थाएं संगठित होकर, शासन को अपने सुझाव अवश्य भेजें। विभिन्न स्कूलों में आने वाले बच्चों में कितने बच्चों को सायकल चलाना नहीं आती इन आंकडों पर भी अवश्य ध्यान दें। 
इसके अतिरिक्त सायकल चलाने को लेकर जनमानस में व्याप्त हीन भावना को भी दूर करना होगा तथा सायकल चलाना यह सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय न होकर इसे स्वास्थ्य से जोड़ कर देखना चाहिये।
अनिल पेंडसे 9425103895

#FitIndiaMovement

Friday, February 8, 2019

SBI ने अपनी नाकामी को पिछले दरवाजे से किया स्वीकार

SBI ने अपनी नाकामी को पिछले दरवाजे से किया स्वीकार —
देश की सबसे बडी कही जाने वाली बैंक एसबीआय की हास्यास्पद पहल 'नईदिशा' के अंतर्गत कर्मचारियों पर बढते वर्कलोड़ की अनदेखी के चलते बैंक अपने कर्मचारियों को सप्ताह में एक दिन समय पर घर जाने की छूट दे रहा है अर्थात इसमें प्रबंधन ने स्वीकार किया है कि बाकि के 5 दिन छूट नहीं है। बैंक प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों का ध्यान रखने में पूर्ण रूप से अक्षम साबित होकर, अपनी नाकामी को छिपाने के लिये,उल्टा उसे ओर महिमामंडित करने के लिये 'नईदिशा' नाम से प्रोग्राम शुरू किया है जिसमें पत्नियां बॉस से शिकायत कर सकेंगी की उनका पति समय पर घर नहीं पहुंच रहा। अपने ही कर्मचारियों को मूर्ख बनाने की इस पहल को प्रबंधन की सकारात्मकता बताकर कर्मचारियों के साथ साथ ग्राहकों को भी धोखे में रखा जा रहा है। किसी भी शाखा के कर्मचारी अपने इसी वर्कलोड़ के चलते पत्नी के अलावा ग्राहकों पर भी अपनी झल्लाहट उतारते नज़र आ रहें हैं। कर्मचारी पती व उसकी पत्नि में नोंक झोंक कम करने के लिये पहले उसे कर्मचारी व ग्राहकों की होने वाली नोंक झोंक के कारणों पर ध्यान देना चाहिये। जिससे वास्ताविकता में 'नईदिशा' की ओर बढा जा सके।
उल्लेखनीय है कि ऑनलाईन बैंकिंग को प्रोत्साहित करने के एवज में पहले ही बैंकों में कर्मचारियों की कमी बनाकर रखी हुई है। उस पर बैंकों व शाखाओं का भी मर्जिंग किया जा रहा है। नई भर्तियां भी उंट के मुंह में जीरे के समान साबित हो रही है। खर्चा कम करने के चक्कर में उटपटांग नीति नियम ग्राहकों पर थोपे जा रहें है। ऐसे टेक्नालॉजिकल—चेंजेस होने वाले महत्वपूर्ण समय में कर्मचारियों की संख्या कम नहीं करते हुए पहले ग्राहक हित की ओर भी ध्यान देना चाहिये।
हर बैंक की शाखा के बाहर फिक्स डिपाजिट के रेट डिस्पले जैसे एक ओर डिस्पले होना चाहिये, जिस पर आज उपस्थित कर्मचारी व आज तक के खातों की कुल संख्या का प्रतिदिन सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाना चाहिये। जिससे प्रत्येक ग्राहक को बैंक परिसर में अंदर आने से पहले ही पता चले कि इस शाखा विशेष में कितने सेविंग,करंट,लोन व अन्य प्रकार के खातों के ग्राहक हैं एवं कर्मचारी कितने दबाव में है। जिससे वह अपना खाता कम लोड़ वाली शाखा में ले जा सके। प्रत्येक कर्मचारी लगभग कितने खातों के कार्य को देख रहा है इसका अनुपात भी इसी डिस्पले पर प्र​दर्शित किया जाकर ग्राहकों से सार्वजनिक रूप से साझा किया जाना चाहिये।
 ऐसा करने से प्रबंधन अपने मूर्खतापूर्ण कार्यक्रमों को लागू कर उपहास का पात्र भी नहीं बनेगा व SBI वास्ताविकता में 'नईदिशा' का उदेश्य प्राप्त कर सकेगी।

Thursday, January 17, 2019

रतलाम — काटजू नगर के नागरिकों के लिये विशेष हेलिकॉप्टर सेवा प्रारंभ की जाये।

काटजू नगर के नागरिकों को शहर से जोडने वाले मुख्य मार्ग अर्थात महर्षि वेद व्यास कॉलोनी के मेन रोड़ को तत्काल प्रभाव से सर्पिल आकृति पगडंडी घोषित किया जाना चाहिये। हाट की चौकी वाले छोर से शुरू होकर काटजू नगर के मुख्य मार्ग को जोडने वाले महर्षि वेद व्यास कॉलोनी की मुख्य गली को पगडंडी घोषित किये जाने से प्रशासन, यातायात संबंधी अपने समस्त उत्तरदायित्वों से आसानी से मुक्ति प्राप्त करते हुए भरपूर कुंभकर्णी नींद ले सकेगा। साथ ही *सभी प्रकार के अतिक्रमणकारियों को भयमुक्त करते हुए उनका सार्वजनिक सम्मान व विशेष प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये जाने चाहिये*। जिससे इस तथाकथित मेन रोड़ पर जो भी थोडी बहुत शेष जगह बाकी है उसे भी खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके।
साथ ही काटजू नगर के नागरिकों को बाजार क्षेत्र में आने जाने के लिये विशेष हेलिकॉप्टर सेवा की भी शुरूआत की जाना चाहिये। जिससे सीधे ही आज़ाद चौक के मध्य में उतारा जा सके। ऐसा करने से रतलाम नगर निगम का नाम विश्व की सर्वश्रेष्ठ नगर निगम के रूप में स्थापित होकर, आय प्राप्ती का नया साधन भी उपलब्ध हो सकेगा। इसी के साथ साथ काटजू नगर से सैलाना बस स्टेंड, दो बत्ती की ओर जाने के लिये भी इसी प्रकार की व्यवस्था की ओर कदम बढाये जा सकेंगे।
*निगम की व्यवस्थाओं से अतिउत्साहित एक नागरिक*
अनिल पेंडसे 9425103895