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Thursday, July 2, 2015

गाजरघांस

गाजरघांस
अक्सर मैं सुबह घूमने जाता हूॅं। हमारे काटजू नगर कॉलोनी की बसाहट बहुत ही शानदार है। एक—दो बडे राउण्ड सवेरे—सवेरे घूमकर अच्छा लगता है। इसी दौरान बरबस ही बहुत सारी बातें ध्यान में आती हैं उन्हीं को आप के साथ शेअर करना चाहता हूॅं। मैंने देखा एक घर के मुख्य प्रवेश व्दार पर गाजर घांस भरपूर मात्रा में उगी हुई है उनके अपने निजी बगीचे,आॅंगन में भी गाजरघास देखी जा सकती है। जिस प्रवेश व्दार से उस परिवार के सभी सदस्य दिनभर आवाजाही करते हैं उनके अपने घर के बाहर गंदगी बिखरी पडी है जबकि घर को देखने से प्रतीत होता है अच्छे समृद्ध परिवार से हैं घर के सामने चारपहिया गाडी खडी है। दो—तीन दोपहिया वाहन भी हैं। लेकिन क्या इनके पास इतना भी समय नहीं कि ये अपने स्वयं के घर के प्रवेश द्वार के मध्य में लगी गाजरघांस हटा सकें? क्या इतने छोटे से कार्य के लिये भी ये नगर निगम पर निर्भर रहेंगे?  चलो मान लिया कोई बडा मैदान या पडोस का संपूर्ण प्लॉट ही खाली पडा है और उसकी सफाई नहीं हो रही है वहॉं तक तो ठीक। हद हो गई है अनदेखी और आलसीपने की।




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