फिट इंडिया अभियान का शुभारंभ कर आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने स्वास्थ्य से जुडे कई तथ्यों पर देश का ध्यानाकर्षण किया है। जिसमें जीवन शैली में बहुत साधारण परिवर्तन कर हम अपने आप को स्वस्थ बना सकते हैं इसी संदर्भ में अपने रतलाम को लेकर एक विचार आप सभी मित्रों के सामने रखना चाहता हूंं कि हमारे शहर के विद्यार्थी केवल अपने रहवासी क्षेत्र में कभी कभी सायकल चलाते दिख जाते हैं। लेकिन उन्हें सायकल से स्कूल कॉलेज जाते नहीं देख पाते हैं। रतलाम एक छोटा शहर है जिसमें विकास की बहुत सारी संभावनाएं अपेक्षित हैं। केवल पांच किलोमीटर की परिधी में बसे इस छोटे से शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक जाने हेतु आसानी से सायकल का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन हमारे शहर की सड़कों पर सायकल ट्रैक का न होना हमारी संकीर्ण सोच प्रदर्शित करता है। इसी कारण हम सायकल चलाने को लेकर बच्चों को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं। सैलाना बस स्टेंड से लेकर कान्वेंट स्कूल तिराहे तक बनने वाले फोरलेन पर आवश्यक रूप से सायकल ट्रैक होना चाहिये । आसपास की जमीनों को अधिग्रहित भी करना पडा तो भी यह राष्ट्र निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिये आवश्यक है।
लगभग प्रतिदिन स्कूली वाहनों में ठूंस कर भरे गये बच्चों के समाचार पत्रों में प्रकाशित फोटो या साक्षात दर्शन भी हमें सामान्य लगने लगे हैं। क्या सभी पालकों की इसके लिये अपने शहर के नेतृत्व से अपेक्षा रखना गलत है? लगभग हम सभी सायकल को प्राथमिकता देना चाहते हैं लेकिन अव्यवस्थित व अनियंत्रित यातायात हमारी सोच में बहुत बडी बाधा बन जाता है। इसलिये हम सायकल चलाने को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं, हम सायकल चलाने से बच रहे हैं। सायकल ट्रैक का प्रावधान न होना इसका मूल कारण है। आप सभी इस पर विचार करें, पालक संघ या अन्य सामाजिक संस्थाएं संगठित होकर, शासन को अपने सुझाव अवश्य भेजें। विभिन्न स्कूलों में आने वाले बच्चों में कितने बच्चों को सायकल चलाना नहीं आती इन आंकडों पर भी अवश्य ध्यान दें।
इसके अतिरिक्त सायकल चलाने को लेकर जनमानस में व्याप्त हीन भावना को भी दूर करना होगा तथा सायकल चलाना यह सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय न होकर इसे स्वास्थ्य से जोड़ कर देखना चाहिये।
अनिल पेंडसे 9425103895
#FitIndiaMovement
लगभग प्रतिदिन स्कूली वाहनों में ठूंस कर भरे गये बच्चों के समाचार पत्रों में प्रकाशित फोटो या साक्षात दर्शन भी हमें सामान्य लगने लगे हैं। क्या सभी पालकों की इसके लिये अपने शहर के नेतृत्व से अपेक्षा रखना गलत है? लगभग हम सभी सायकल को प्राथमिकता देना चाहते हैं लेकिन अव्यवस्थित व अनियंत्रित यातायात हमारी सोच में बहुत बडी बाधा बन जाता है। इसलिये हम सायकल चलाने को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं, हम सायकल चलाने से बच रहे हैं। सायकल ट्रैक का प्रावधान न होना इसका मूल कारण है। आप सभी इस पर विचार करें, पालक संघ या अन्य सामाजिक संस्थाएं संगठित होकर, शासन को अपने सुझाव अवश्य भेजें। विभिन्न स्कूलों में आने वाले बच्चों में कितने बच्चों को सायकल चलाना नहीं आती इन आंकडों पर भी अवश्य ध्यान दें।
इसके अतिरिक्त सायकल चलाने को लेकर जनमानस में व्याप्त हीन भावना को भी दूर करना होगा तथा सायकल चलाना यह सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय न होकर इसे स्वास्थ्य से जोड़ कर देखना चाहिये।
अनिल पेंडसे 9425103895
#FitIndiaMovement
1 comment:
👍🛴🚲 exilent ..
Post a Comment