रतलाम — शवयात्रा का बाजार से निकलना।
आज मैं एक शवयात्रा में गया था। जो कि आबकारी चौराहा होते हुए त्रिवेणी मुक्तिधाम की ओर जा रही थी। मार्ग में एक बडी शोभायात्रा चल रही थी इसलिये शववाहन को चांदनीचौक के स्थान पर बजाजखाना होते हुए चौमुखीपुल, रामगढ़ व अन्य तंग गलियों से होते हुए त्रिवेणी तक ले जाया गया।
मेरा विचार यह है कि जब भी कोई शोभायात्रा या अन्य सार्वजनिक आयोजन सड़कों पर किये जाते हैं ऐसे समय सड़क का आधा हिस्सा अनिवार्य रूप से अन्य आने जाने वाले लोगों, एंबुलेंस, शववाहन आदि के लिये छोडा जाये। यह तभी संभव है जब इस प्रकार के सार्वजनिक आयोजन समिति के सदस्य इस बात का ध्यान रखें, साथ ही मार्ग अतिक्रमण मुक्त भी हों।
इस बार यातायात सुधार से संबंधित नई मुहिम शुरू हो रही है तो इसका पहला कार्य अतिक्रमण मुक्त बाजार हो। जिससे यातायात से संबंधित 90% समस्याएं समाप्त हो जायेंगी।
आज मैं एक शवयात्रा में गया था। जो कि आबकारी चौराहा होते हुए त्रिवेणी मुक्तिधाम की ओर जा रही थी। मार्ग में एक बडी शोभायात्रा चल रही थी इसलिये शववाहन को चांदनीचौक के स्थान पर बजाजखाना होते हुए चौमुखीपुल, रामगढ़ व अन्य तंग गलियों से होते हुए त्रिवेणी तक ले जाया गया।
मेरा विचार यह है कि जब भी कोई शोभायात्रा या अन्य सार्वजनिक आयोजन सड़कों पर किये जाते हैं ऐसे समय सड़क का आधा हिस्सा अनिवार्य रूप से अन्य आने जाने वाले लोगों, एंबुलेंस, शववाहन आदि के लिये छोडा जाये। यह तभी संभव है जब इस प्रकार के सार्वजनिक आयोजन समिति के सदस्य इस बात का ध्यान रखें, साथ ही मार्ग अतिक्रमण मुक्त भी हों।
इस बार यातायात सुधार से संबंधित नई मुहिम शुरू हो रही है तो इसका पहला कार्य अतिक्रमण मुक्त बाजार हो। जिससे यातायात से संबंधित 90% समस्याएं समाप्त हो जायेंगी।
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